Sunday, March 28, 2010

bnsesदिल...............

कुछ दिल
टूट जाते हैं
रूठ जाते हैं
लम्बे रास्ते ख़त्म हो जाते हैं
चलते-चलते थक जाता है मनुष्य
रह जाते हैं काले अंधेरे साए जैसे
यादों के लाल सुनहरी ख़्वाब
कुछ दिल लुट जाते हैं...
जब दिलो की साँसों का धागा
टूट जाता है
तब
कसाई के काटे जाने से
बकरे की कराह की तरह
चीरती लहूलुहान करती
आह की तरह भी हो जाते हैं दिल
ये तो दिलो की बात है
दिल बकरे का हों या कसाई का
होता दिल ही है
एक कटता है दूसरा काटता है ...

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