इंसानी कैक्टस
मेरा जन्म महज
एक घटना थी
किसी के आनद
और अपनेपन की चाह की
मेरा बचपन
पौधघर था
जहां मुझे रोंपा गया
इंसानों की शानदार खेती के लिए
जवानी सीखने की
कार्यशाला थी
जहां मैंने बहुत से
हुनर सीखे
दुसरो को गिराने के लिए
शादी एक ऐसा तौफा थी
जो विज्ञापन की भांती
बाहर से ललचाता था
अन्दर से कोरा खाली था
और मेरा बुढापा
बरगद के पेड़ की तरह
अपने नीचे किसी
दुसरे पेड़ को
पनपने नहीं देता
एक घटना थी
किसी के आनद
और अपनेपन की चाह की
मेरा बचपन
पौधघर था
जहां मुझे रोंपा गया
इंसानों की शानदार खेती के लिए
जवानी सीखने की
कार्यशाला थी
जहां मैंने बहुत से
हुनर सीखे
दुसरो को गिराने के लिए
शादी एक ऐसा तौफा थी
जो विज्ञापन की भांती
बाहर से ललचाता था
अन्दर से कोरा खाली था
और मेरा बुढापा
बरगद के पेड़ की तरह
अपने नीचे किसी
दुसरे पेड़ को
पनपने नहीं देता
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