Sunday, March 28, 2010

पहलवान,मच्छर,नेता,और,आदमी.............




पहलवान पैदा होते ही
गूंगे हों जाते है
दबा के खाते है
प्रतिरोध के साथ लड़ते रहते है
अखाडे में जीतने के लीये

मच्छर पैदा होते ही
इंसान कों सताते है
और काटते हैं तभी
जब इंसान आराम करता है
या सो रहा होता है
और मौका देखते रहते है
इंसान का खून पीने के लिए

नेता पैदा होते हैं
उड़ते-फिरते हैं गलियों में,
ताकी कोई बच्चा सामने आये
और वे उसे भाषण की घुट्टी पिलाए
और थक कर बैठ जाते हैं
जानकर कि अब और बोलने से कोई फायदा नहीं
और ताक में रहते है
वोट खरीदने के लिए

आदमी पैदा होते ही
मुह फाड़ता है
ईंट,पत्थर, पेड़ और परिन्दों तक कों
हजम कर जाता है
क्यू की वह कहता है
ये सब चीजे खुदा ने मेरे लिए ही तो बनाई है
और ढूंड़ता रहता है किसी का रुमाल
अपना मैला हाथ पौछने के लिए..................
... मुकन्दा

4 comments:

  1. ye kavitaa bahumoolya hai bahut hee dil ke kareeb

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  2. ये सब चीजे खुदा ने मेरे लिए ही तो बनाई है
    और ढूंड़ता रहता है किसी का रुमाल
    अपना मैला हाथ पौछने के लिए.....................

    sashkt abhivykti

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  3. बहुत खूब लिखा है भाई | सत - प्रतिशत सत्य |

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  4. waah ji waah ....bahut sundar abivyakti aap ki Regards..

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